हे कृष्ण कन्हैया
मुरली बजैया
सुन रे माखनचोर
इस धरती का पाप मिटाने
फिर आजा रे रणछोड़
पतित पावनी गंगा मैली
यमुना करे पुकार
आ जा फिर यमुना के तीरे
कर सबका उद्धार
गीता का ज्ञान दिया तुमने
नारी को मान दिया तुमने
बचपन के सखा सुदामा को
क्या-क्या ना दान दिया तुमने
कई द्रौपदी हैं आज यहाँ
कई राधा हैं कई भामा हैं
हमको भी गले लगा ले मोहन
हम भी तेरे सुदामा हैं
डूब रहे हैं बीच भंवर में
आकर के उद्धार करो
बहुत बढ़ गए पापी जग में
अब आकर संहार करो..!!
--गोपाल के.
2 comments:
पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सभी को श्री कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ !
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन कृष्ण जन्म सबकी अंतरात्मा में हो मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
कभी यहाँ भी पधारें
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