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Tuesday, December 10, 2019

ख़त वाला ज़माना


होकर जवान बेटे घर से कमाने चले गए,
गाँव छोड़ा और शहर में गँवाने चले गए।

आँखों में आस अब भी शायद करे ख़बर,
वो ख़त वाले प्यार के ज़माने चले गए।।

--गोपाल के.


Thursday, October 18, 2012

दो लाइन शायरी




1. उसने पुछा क्या हाल है जनाब..?
    मैंने बस इतना ही कहा - जिंदा हूँ..!!

2.  उजालों की रौशनी ने अँधेरे बुझा दिए,
     जब दिए अंधेरों ने जलाये तो रौशनी रो बैठी..

3.  तेरे शहर में भीड़ ही भीड़ थी बहुत,
     फिर भी पूरे शहर में मैं तो तन्हा था..

4.  मुझको रुलाना तो बहुत आसान है तेरे लिए
     पर चुप करा सको जो मुझे तो मानू मैं 
तुझे..!!


--गोपाल के.

YE MAI HU-- GOPAL

LOVE MATCH


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