Thursday, February 6, 2020

बेअदब दिल

बेमतलब
दिल 
बेतलब
और
बेसबब,

यादें
बेइंतहा
और दिल
बेअदब।

--गोपाल के

Friday, December 13, 2019

वक़्त का वक़्त




वक़्त मुझसे पूछता है
"कौन है तू?"
दे मेरा उत्तर
भला क्यों मौन है तू?

मुँह से निकला
"वक़्त का
मारा हुआ हूँ,
जीता सबसे
खुदसे मगर
हारा हुआ हूँ।"

वक़्त बोला मुझसे -
"मत हो तू उदास,
आऊँगा वक़्त होने पर
मैं तेरे भी पास।।"


--गोपाल के.




तेरा ख़त



एहसास से भरा, तेरे जज़्बात से भरा था,
वो ख़त मैंने जाने कितनी दफा पढ़ा था।

उस ख़त में आज भी ख़ुशबू तेरी आती है,
सूखा सा एक ग़ुलाब भी संग जो जड़ा था।।


--गोपाल के.



यादें




ये तन्हाई
ये बेचैनी
और साथ देने को
बस पुरानी यादें
दिल पर बस चलता है
और न ही दिमाग पर
बस चलता है तो यादो पर
जो तडपती हैं आकर..
मै तो नहीं बुलाता
इन यादों को अपने पास
फिर क्यूँ आ जाती हैं ये
देख कर मुझे उदास?
शायद ये तनहा देख कर मुझे
साथ देने आ जाती हैं
हाँ, ये बेवफा नहीं हैं
तुम्हारी तरह
झूठी नहीं हैं
तुम्हारे वादों की तरह
टूटती नहीं हैं
तुम्हारी कसमो की तरह
सिर्फ इन्हें थोडा सा
वक़्त ही तो चाहिए
नहीं चाहती धन दौलत
और न तन्हाई
ये तो कही भी आ सकती हैं
कहीं भी जा सकती हैं
बिना किसी रोक टोक के
और बिना किसी के इज़ाज़त के..
क्यूंकि ये किसी को तनहा नहीं देख सकती..
यादें हैं न..!
इन्हें किसी ने बेवफाई नहीं सिखाई
तभी ये बावफा हैं
और हमसफ़र हैं
हमारी जिंदगी की
ताउम्र .. ताजिंदगी..!!

–गोपाल के


थोड़ा और वक़्त



जो थोड़ा और होता वक़्त गर मेरी ज़िन्दगानी में,
तो मैं लिखता नया अंजाम अपनी इस कहानी में।

मेरे अश्कों में ऐसा ताब है कि सब जला डाले,
हवा होता समुंदर भी जो लगती आग पानी में।।


--गोपाल के.



Thursday, December 12, 2019

बारिश में यादें

आज की बारिश

तुम्हारी 

याद लायी है,

और मैं

भीग रहा हूँ

तेरी यादों में

अभी तक..

ना मानो

तो आकर

खुद ही

देख लेना।।


--गोपाल के.


आभार दे देना



वाणी की कटुता को कभी ना धार तुम देना,
टूटते रिश्तों को फिर से नया आधार तुम देना।

जो रिश्ता ना निभे उसको नया आकार दे देना,
जो थामे हाथ गिरते का उसे आभार तुम देना।।


--गोपाल के.



प्यार का इज़हार



दिल से पूछ ना पाए हम और प्यार कर बैठे,
बस नज़रें उठी, नज़रें मिली, इज़हार कर बैठे।

मासूमियत और सादगी कुछ इस कदर भायी,
बातों ही बातों में तुमसे सनम इक़रार कर बैठे।।

--गोपाल के.


पलट कर देख लेना तेरा

वो तेरा पीछे पलट कर देख लेना
यूँ लगता है कि जैसे पुकारा हो,

अभी अभी तो हुई है मुलाकात
मगर लगता है फिर दोबारा हो।

देख कर फिर देख लेना है क़ातिल
दिल को जैसे तेरी नज़र ने मारा हो।।


--गोपाल के.



चाँदनी



भोर तक है जागती चाँद के संग चाँदनी,
अपने बदन पे ओढ़के चाँद का रंग चाँदनी।

रात भर चलती रही, संग रात भर जलती रही,
स्याह काली रात से करती रही जंग चाँदनी।।




--गोपाल के.






YE MAI HU-- GOPAL

LOVE MATCH


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