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जज़्बात दिल दुश्मन बेबस मजदुर मजबूर रात रेल हमसफ़र हाइकू.
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जज़्बात दिल दुश्मन बेबस मजदुर मजबूर रात रेल हमसफ़र हाइकू.
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1-
दिल कई
लेकिन जज्बात
एक मिले
2-
अब दुश्मन
जो थे कभी
हमसफ़र
3-
पटरियां
मिलती नहीं
रेल की
4-
मजबूर
बेबस, दुखी
मजदूर
5-
भोर तक
थी कालिमा
रात की.
--गोपाल के.