Showing posts with label शायरी. Show all posts
Showing posts with label शायरी. Show all posts

Thursday, February 6, 2020

बेअदब दिल

बेमतलब
दिल 
बेतलब
और
बेसबब,

यादें
बेइंतहा
और दिल
बेअदब।

--गोपाल के

Friday, December 13, 2019

तेरा ख़त



एहसास से भरा, तेरे जज़्बात से भरा था,
वो ख़त मैंने जाने कितनी दफा पढ़ा था।

उस ख़त में आज भी ख़ुशबू तेरी आती है,
सूखा सा एक ग़ुलाब भी संग जो जड़ा था।।


--गोपाल के.



थोड़ा और वक़्त



जो थोड़ा और होता वक़्त गर मेरी ज़िन्दगानी में,
तो मैं लिखता नया अंजाम अपनी इस कहानी में।

मेरे अश्कों में ऐसा ताब है कि सब जला डाले,
हवा होता समुंदर भी जो लगती आग पानी में।।


--गोपाल के.



Thursday, December 12, 2019

आभार दे देना



वाणी की कटुता को कभी ना धार तुम देना,
टूटते रिश्तों को फिर से नया आधार तुम देना।

जो रिश्ता ना निभे उसको नया आकार दे देना,
जो थामे हाथ गिरते का उसे आभार तुम देना।।


--गोपाल के.



प्यार का इज़हार



दिल से पूछ ना पाए हम और प्यार कर बैठे,
बस नज़रें उठी, नज़रें मिली, इज़हार कर बैठे।

मासूमियत और सादगी कुछ इस कदर भायी,
बातों ही बातों में तुमसे सनम इक़रार कर बैठे।।

--गोपाल के.


पलट कर देख लेना तेरा

वो तेरा पीछे पलट कर देख लेना
यूँ लगता है कि जैसे पुकारा हो,

अभी अभी तो हुई है मुलाकात
मगर लगता है फिर दोबारा हो।

देख कर फिर देख लेना है क़ातिल
दिल को जैसे तेरी नज़र ने मारा हो।।


--गोपाल के.



चाँदनी



भोर तक है जागती चाँद के संग चाँदनी,
अपने बदन पे ओढ़के चाँद का रंग चाँदनी।

रात भर चलती रही, संग रात भर जलती रही,
स्याह काली रात से करती रही जंग चाँदनी।।




--गोपाल के.






Tuesday, December 10, 2019

ख़त वाला ज़माना


होकर जवान बेटे घर से कमाने चले गए,
गाँव छोड़ा और शहर में गँवाने चले गए।

आँखों में आस अब भी शायद करे ख़बर,
वो ख़त वाले प्यार के ज़माने चले गए।।

--गोपाल के.


कहीं दूर चलो

माना तुम हो आज बहुत मजबूर चलो,
होगा वक़्त तुम्हारा कल तो जरूर चलो।

फिर चलना वहाँ ना हो कोई और जहाँ,
दुनिया से कहीं दूर बहुत ही दूर चलो।।

--गोपाल के.




कभी कभी

उठती है नज़र तुम्हारी
मुझपर कभी कभी,
लाती हो नाम मेरा
लब पर कभी कभी।

गोया कि साथ में हूँ
एहसास ये हुआ,
आती हो मेरे ख़्वाब में
तुम नज़र कभी कभी।।

--गोपाल के.


Saturday, December 7, 2019

अक्सर तेरा रूठ जाना

मेरी छोटी सी गलती पर,
तुम अक्सर रूठ जाती हो,

क्या तुमको है पता मुझको
यूँ कितना तुम सताती हो।

मेरे दिल मे रहो तुम
जान बनकर
दूर ना बैठो,

तुम्हारे हर सितम मन्जूर
दिल को क्यों रुलाती हो।।


--गोपाल के.

Monday, December 2, 2019

बज़्म अंताक्षरी


एक दिल
और ग़म हज़ार,
इसी को कहते हैं
दुनिया में प्यार।।

--गोपाल के

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

रहेगा इश्क सलामत तब तक
आ न जाये कयामत जब तक

--गोपाल के

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

कब तलक शम्मा ए महफ़िल जलेगी यारों,
दिल भी जलता है किसी शमां के लिए..

--गोपाल के

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

निभाना खूब आता है
हमें उल्फ़त की रस्मों को,

कभी आने का वादा वक़्त पर
तुम भी निभा लेते।।

--गोपाल के

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

हट जो जाती नज़र अगर तुमसे,
होश में हम भी आ गए होते।।

--गोपाल के

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

एक तुम ही नहीं बिगड़े
बिगड़ना हमको भी आता है,

चलो तुम भी सुधर जाओ
सुधरना हमको भी आता है।

--गोपाल के

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

है इरादा जो साथ रखने का,
कर लो वादा तो याद रखने का।।

--गोपाल के


🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

Friday, November 29, 2019

प्रियंका रेड्डी काण्ड पर समर्पित

कहाँ हो हनुमान तुमने लंका जलाई थी,
विश्वास बनके सीता की शंका जलाई थी।

महफूज़ कैसे रहें अब वतन में लड़कियां,
कल ही कुछ दरिंदों ने प्रियंका जलाई थी।।

--गोपाल के.


Wednesday, November 27, 2019

हाल ए दिल लिखते रहेंगे

लिखते रहेंगे हाल-ए-दिल,
हो तन्हा दिल या महफ़िल।

ग़म को पिरोकर स्याही में,
शायर बन जाऊं क़ाबिल।।

--गोपाल के.


इंतज़ार की हद


हद हो चली है अब इंतज़ार की,
इन्तेहा है यारों ये मेरे प्यार की।

बेसब्र दिल ये तड़प सह नहीं सकता,
तूने यही ख़ता मगर बार बार की।।

--गोपाल के.




कश्मकश


ज़िन्दगी है कश्मकश सी
और सफर है कश्मकश,
हिम्मत है अपनी मंज़िल
और भँवर है कश्मकश।

रख हौसला चलाचल
तू जीवन की राह में,
बस उम्मीद थामें रखना
अगर है कशमकश ।।

-गोपाल के



Saturday, November 23, 2019

बचपन फिर ना मिला

बच्चों सा सच्चा मन ना मिला,
सन्तोष से बढ़कर धन ना मिला ।
बेफ़िक्र और आज़ादी से भरी,
मुझे फिर से वो बचपन ना मिला ।।

--गोपाल के


Tuesday, November 19, 2019

तेरी याद

तेरी यादों के पतझड़ में
कई लम्हों की पत्तियाँ
टूट गयी दिल की शाखों से..

तुम ना आये ना पैगाम तेरा
बरसती रही बूँद बूँद शब भर
तड़प इन्तज़ार की आँखों से..


गोपाल के.

Monday, April 16, 2012

शायरी - खंज़र देख रहा हूँ

Manzar खुशियों की इस जमीन को बंज़र देख रहा हूँ,
मैं हैरान हूँ ये कैसा मंज़र देख रहा हूँ ..

जिसके लिए मैंने न की जान की परवाह कभी ,
उसके ही हाथों में आज खंज़र देख रहा हूँ..!

 --गोपाल के. 

                    ***** 

Khushiyon ki is jameen ko Banzar dekh raha huN, 
Main Hairaan huN ye kaisa ManZar dekh raha huN.. 

Jiske liye maine na ki Jaan ki Parwaah kabhi, 
Uske hi hathoN me Aaj Khanzar dekh raha huN..! 

 --Gopal K.

Monday, April 6, 2009

KHUDA HO GAYA


NAZROn ME AISA JAADU THA
KI DIL YE FIDA HO GAYA,
HAR GAM TUJHE DEKHTE HI
MERI KISMAT SE JUDA HO GAYA..
HAR GHADEE, HAR WAQT BAS,
MAIn SOCHTA HU BAS TUMHE,
TERE SAJDE ME HAI DIL MERA,
TU AB MERA KHUDA HO GAYA..!!
--GOPAL K.

YE MAI HU-- GOPAL

LOVE MATCH


Hi5 Cursors