Showing posts with label कहानी. Show all posts
Showing posts with label कहानी. Show all posts

Friday, December 13, 2019

थोड़ा और वक़्त



जो थोड़ा और होता वक़्त गर मेरी ज़िन्दगानी में,
तो मैं लिखता नया अंजाम अपनी इस कहानी में।

मेरे अश्कों में ऐसा ताब है कि सब जला डाले,
हवा होता समुंदर भी जो लगती आग पानी में।।


--गोपाल के.



Monday, April 16, 2012

क्षणिका





1-
हिन्दू, मुस्लिम,
सिक्ख, इसाई,
सबको डस गयी
ये मंहगाई.

2-
क्षण में फूंक दे
खुद को भी
आक्रोश

3-
तुम्हारी व्यथा
मन की कथा
तुम्हारी जुबानी
मेरी कहानी

4-
धर्मार्थ हो,
परमार्थ हो,
इसमें न कोई
स्वार्थ हो.

5-
हार गया
पहलवान
समय बड़ा
बलवान

--गोपाल के.

YE MAI HU-- GOPAL

LOVE MATCH


Hi5 Cursors