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Thursday, December 12, 2019

बारिश में यादें

आज की बारिश

तुम्हारी 

याद लायी है,

और मैं

भीग रहा हूँ

तेरी यादों में

अभी तक..

ना मानो

तो आकर

खुद ही

देख लेना।।


--गोपाल के.


Friday, December 6, 2019

कुछ तो कहो

कुछ तो कहो
यूँ खामोश क्यों हो
भला
बुरा
गुस्सा
या जो भी चाहो
कह डालो,
मैं
सुनना चाहता हूँ तुम्हे,
तुम्हारे नाराजगी भरी
कोई बात ही सही,
वो गलती
जो मैंने की ही नहीं,
चाहे जो भी इल्ज़ाम दे दो,
पर खामोशी तोड़कर
मेरे बेचैन दिल को
आराम दे दो,
चुप ना रहो।
कुछ तो कहो।।


--गोपाल के.

कहो तो सही

दिल से ना जाओ दिल में रहो तो सही।
दिल में जो भी गिले हैं कहो तो सही।।


-- गोपाल के.



Thursday, December 5, 2019

वेदनाएं मर गयी

ये ज़ुल्म कैसा आज की तारीख़ कर गयी,
जो दर्द की भी आँख आँसुओं से भर गयी।

देखकर पीड़ा अगर पिघले न दिल तो समझ,
वेदनाएं सब मर गयी संवेदना भी मर गयी।।

-- गोपाल के.


Sunday, November 24, 2019

राह ए उल्फ़त

फ़क़त तेरी नज़र ए करम की चाह में,
कबसे खड़े हैं हम उल्फ़त की राह में।

सुन सकेगा वो कैसे किसी की बात,
जिसे दर्द ही न दिखे किसी की आह में।।

--गोपाल के.

Sunday, April 15, 2012

ग़ज़ल -- सत्य को वनवास




अब सत्य को वनवास होता है बहुत
राह में खरमास होता है बहुत..

हम मर्दों को दर्द नहीं होता मगर,
दर्द का एहसास होता है बहुत..

करता है नम पलकों को अक्सर वही,
अपना जो भी ख़ास होता है बहुत..

इंसानियत के दिन लौटेंगे फिर से,
मुझको ये आभास होता है बहुत..

सैकड़ों तारों की भारी भीड़ में,
इक मगर आकाश होता है बहुत..

दिल को अक्सर तोड़ जाता है वही,
दिल के जो भी पास होता है बहुत..!


--गोपाल के.

Monday, January 26, 2009

TALAASH NA KAR

IS MATLABI DUNIYA ME WAFAA KI TALAASH NA KAR,
KAR DE BHALAA SABKA PAR KISI SE KOI AAS NA KAR..
JAB TANHA HI KAATNA HAI TUJHE ZINDGI KA SAFAR,
TO HUMSAFAR KI TALAASH TU AYE GOPAL DAS NA KAR..!!

--GOPAL K.

Saturday, January 10, 2009

BHEEGI PALKEin


BEBAS DIL RAB SE BAS EK YAHI DUAA KARE
DARD DENE WALE KO BHI TO DARD HUA KARE..
DIL ME YE ARMAAN PALTA HAI KABHI TANHAYI ME,
MERI BHEEGI PALKEin BHI TO KOI CHHUA KARE..!!

--GOPAL K.

Wednesday, October 22, 2008

AYE DARD

AYE DARD, TU ZARA DARD KA EHSAAS KAM DIYA KAR,
GAM KA KUCHH ASAR HI NA RAHE TU ITNA NA GAM DIYA KAR..

ASHQ PEEKAR HI NA PYAASE KI PYAAS MAR JAYE KAHEEN,
KISI KI NAZRON KO TU ITNA BHI NA NAM KIYA KAR..!!
--GOPAL K.

Saturday, September 6, 2008

मत भूलो

दर्द में मुस्कुराना मत भूलो,
अपना गुज़रा ज़माना मत भूलो।

बना सको तो बना लो रिश्ते नए,
दोस्त कोई पुराना मत भूलो।

कर दो नाराज गर किसी को कभी,
फ़िर तुम उसको मनाना मत भूलो।

घूमते फिरते रहो तुम बाहर,
खाना पर घर का खाना मत भूलो।

भूल जाओ पुरानी बातों को,
दिल से दिल का लगाना मत भूलो।

प्यार से बच्चे सच कह देते हैं,
बनाते थे तुम भी बहाना मत भूलो।

तुम उठा चुके हो गम बिछड़ने का,
बिछडों को तुम मिलाना मत भूलो।

गोपाल के.

Tuesday, August 5, 2008

PALNE LAGE


KHWAAB CHHOTE THE NIGAAHOn ME PALNE LAGE,
MANZIL DOOR THI FIR BHI HUM CHALNE LAGE..!!

EHSAAS MERE DARD KA UNKO TAB JAKAR HUA,
ASHQ MERI AANKHOn SE JAB BAAHAR NIKALNE LAGE..!!

WO KHAAK HO GAYE KUCHH BHI BAN-NE SE PAHLE,
DEKH KAR AUROn KO JO BHI THE JALNE LAGE..!!

TOOT-TA HAI AAKHIR EK DIN AISA DIL AKSAR YAHAAn,
KISI KI IK MUSKAAN PAR HI JO FISALNE LAGE..!!

HAATH DEKAR USE BHI UTHA LENA TUM,
GIRKAR BHI AGAR KOI JO SAMBHALNE LAGE..!!

DARD BHARKAR LIKH DE, “GOPAL” TU AISI GAZAL,
SUNKE JISE PATTHAR KA DIL BHI PIGHALNE LAGE..!!


--GOPAL K.

Tuesday, July 29, 2008

KISSE


HUME NA YAAD DILAO UNKI BEWAFAYI KE KISSE,
HUMNE BAHUT MUSHKIL SE UNKO BHULAYA HAI..!

ZARA AAHISTA BOLO TUM CHILLA KYOn RAHE HO?
ABHI-ABHI TO HUMNE APNE DARD KO SULAYA HAI!!

ROOTH GAYI THI SHAYAD HUMSE, MILNE NAHI AATI KABHI,
HUMNE FIR SE KHUSHIYOn KO, APNE GHAR PE BULAYA HAI!

EK KO MANAATA HU TO, DUSRAA ROOTH JATA HAI FIR SE,
SAB MAAN GAYE TO WAQT KO DEKHO, KAISE MUH FULAYA HAI!!

--GOPAL K.

Wednesday, July 2, 2008

दर्द

दर्द तब तक ही दर्द देता है..
जब तक हम उसे
पराया समझते हैं..
जब उसे सहते सहते..
उसके आदी हो जाते हैं
तो वही दर्द हमे
प्यारा भी लगने लगता है..
क्यूंकि..
वो दर्द बेवफा तो नहीं होता..
खुशियों की तरह..
जो जरा जरा सी बात पर
रूठ जाती है..
चली जाती है
तन्हा छोड़ कर..
बिलकुल तन्हा..
जहां अपनी परछाई भी
साथ न दे..
ऐसे अन्धकार में
धकेल कर..
कब तक?
आखिर कब तक भागूं ?
इन खुशियों के पीछे..??
जो हमे देख कर भी रहती है..
अपनी आँखें मीचे..
इन खुशियों से अच्छी तो
ये दर्द हैं..
जो बिना बुलाये आ जाती हैं..
वो भी
अपने पुरे परिवार के साथ..
निभाने को साथ
दिन हो या रात..
जो कभी बेवफाई तो नहीं करती
दिल में आबाद रहती है..
शायद जिंदगी भी यही कहती है..
कि सुख दुःख तो
जीवन का अंग है..
सबके अपने-अपने
जीने का ढंग है..
कहीं अँधेरा कहीं उजाला
यही तो
जिंदगी का रंग है॥!!


--गोपाल के.

Saturday, June 21, 2008

Muskurate raho


Gam ko hasi me Chhupate raho,

Dard me bhi Muskurate raho॥

Bhaag jayenge Gam tumhe dekhkar,

Bas Haste raho KhilKhilate raho..!


--Gopal K

YE MAI HU-- GOPAL

LOVE MATCH


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