Showing posts with label
दर्दशायरी
.
Show all posts
Showing posts with label
दर्दशायरी
.
Show all posts
Friday, December 13, 2019
थोड़ा और वक़्त
जो थोड़ा और होता वक़्त गर मेरी ज़िन्दगानी में,
तो मैं लिखता नया अंजाम अपनी इस कहानी में।
मेरे अश्कों में ऐसा ताब है कि सब जला डाले,
हवा होता समुंदर भी जो लगती आग पानी में।।
--गोपाल के.
Thursday, December 12, 2019
ख़ुद काबिल नहीं रहा
जो चाहता था तुझको वो दिल नहीं रहा,
सबकुछ मिला मगर वो हासिल नहीं रहा।
तू ये मत समझ के तेरा दोष है कोई,
मैं ख़ुद ही तेरे प्यार के क़ाबिल नहीं रहा।
--गोपाल के.
Tuesday, December 10, 2019
बोझल शाम
बोझल हुई है शाम
कोई रंग तो भरे,
कोई तो अपनी शाम
मेरे संग तो करे।
रह रह के दिल में
आता यही ख़याल,
मुझसे हुए जो तंग
वो मुझे तंग तो करे।।
--गोपाल के.
Saturday, December 7, 2019
अक्सर तेरा रूठ जाना
मेरी छोटी सी गलती पर,
तुम अक्सर रूठ जाती हो,
क्या तुमको है पता मुझको
यूँ कितना तुम सताती हो।
मेरे दिल मे रहो तुम
जान बनकर
दूर ना बैठो,
तुम्हारे हर सितम मन्जूर
दिल को क्यों रुलाती हो।।
--
गोपाल के.
Friday, December 6, 2019
कहो तो सही
दिल से ना जाओ दिल में रहो तो सही।
दिल में जो भी गिले हैं कहो तो सही।।
-- गोपाल के.
Thursday, December 5, 2019
शाम आयी है..
🌼🌸🌹🌼🌸🌹🌼🌸🌹
शाम आयी है
यादों के कारवां लेकर..
🤔
शब गुज़र जाएगी
लम्हा लम्हा...
🌙
--
गोपाल के.
🌼🌸🌹🌼🌸🌹🌼🌸🌹
वेदनाएं मर गयी
ये ज़ुल्म कैसा आज की तारीख़ कर गयी,
जो दर्द की भी आँख आँसुओं से भर गयी।
देखकर पीड़ा अगर पिघले न दिल तो समझ,
वेदनाएं सब मर गयी संवेदना भी मर गयी।।
-- गोपाल के.
Monday, December 2, 2019
रात ढलने को आई
🌹🌸🌼🌹🌸🌼🌹🌸🌼
रात फिर ढलने को आई है,
ग़म की बदली सी छाई है।
♥️
ना तू साथ में, ना हैं यादें तेरी,
ना ही साथ अब तेरी परछाई है।।
🌹
--
गोपाल के.
🌹🌼🌸🌹🌼🌸🌹🌼🌸
Sunday, December 1, 2019
वफ़ा के बदले वफ़ा
वफ़ा के बदले वफ़ा नहीं मिलती,
मर्ज़ ऐसा है कि दवा नहीं मिलती।
मैं भी गिर जाता ज़िन्दगी में अगर,
वक़्त पर तेरी दुआ नहीं मिलती ।।
--गोपाल के.
सिले हुए लब
लब जो सिल लिया अगर मैंने, कैसे सह पाओगे तुम वो सन्नाटा,
मेरी हर चीख तुमसे ये पूछेगी, पेड़ से डाल को तुमने क्यूँ काटा।
मौन कब तक रहोगे तुम बोलो, अपने लब को तो अब तुम्ही खोलो,
दिल नहीं सह सकेगा ज़ुल्म कोई, दिल में उठता है ज्वार और भाटा।।
--गोपाल के.
Friday, November 29, 2019
दोषी कौन??
तोड़ेगा खामोशी कौन,
मैं भी मौन तू भी मौन।
दिल से पूछूँ मैं अपने,
हममें तुममें दोषी कौन??
--गोपाल के.
प्रियंका रेड्डी काण्ड पर समर्पित
कहाँ हो हनुमान तुमने लंका जलाई थी,
विश्वास बनके सीता की शंका जलाई थी।
महफूज़ कैसे रहें अब वतन में लड़कियां,
कल ही कुछ दरिंदों ने प्रियंका जलाई थी।।
--गोपाल के.
आँसू
बात बात में ऐसे आंसू ना बहाया कीजिए,
यादों में मेरे भी आया और जाया कीजिए।
याद करो वो लम्हे जिस पल थे हम मिले,
जो ग़म दे जाएं वो बातें भुलाया कीजिए।।
-- गोपाल के.
Wednesday, November 27, 2019
हाल ए दिल लिखते रहेंगे
लिखते रहेंगे हाल-ए-दिल,
हो तन्हा दिल या महफ़िल।
ग़म को पिरोकर स्याही में,
शायर बन जाऊं क़ाबिल।।
--गोपाल के.
इंतज़ार की हद
हद हो चली है अब इंतज़ार की,
इन्तेहा है यारों ये मेरे प्यार की।
बेसब्र दिल ये तड़प सह नहीं सकता,
तूने यही ख़ता मगर बार बार की।।
--गोपाल के.
कश्मकश
ज़िन्दगी है कश्मकश सी
और सफर है कश्मकश,
हिम्मत है अपनी मंज़िल
और भँवर है कश्मकश।
रख हौसला चलाचल
तू जीवन की राह में,
बस उम्मीद थामें रखना
अगर है कशमकश ।।
-गोपाल के
Sunday, November 24, 2019
राह ए उल्फ़त
फ़क़त तेरी नज़र ए करम की चाह में,
कबसे खड़े हैं हम उल्फ़त की राह में।
सुन सकेगा वो कैसे किसी की बात,
जिसे दर्द ही न दिखे किसी की आह में।।
--गोपाल के.
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
YE MAI HU-- GOPAL
LOVE MATCH