Friday, November 29, 2019

दोषी कौन??

तोड़ेगा खामोशी कौन,
मैं भी मौन तू भी मौन।

दिल से पूछूँ मैं अपने,
हममें तुममें दोषी कौन??

--गोपाल के.



प्रियंका रेड्डी काण्ड पर समर्पित

कहाँ हो हनुमान तुमने लंका जलाई थी,
विश्वास बनके सीता की शंका जलाई थी।

महफूज़ कैसे रहें अब वतन में लड़कियां,
कल ही कुछ दरिंदों ने प्रियंका जलाई थी।।

--गोपाल के.


आँसू

बात बात में ऐसे आंसू ना बहाया कीजिए,
यादों में मेरे भी आया और जाया कीजिए।

याद करो वो लम्हे जिस पल थे हम मिले,
जो ग़म दे जाएं वो बातें भुलाया कीजिए।।

-- गोपाल के.



Thursday, November 28, 2019

दीवाना बनाकर

जाते कहाँ हो तुम मुझे दीवाना बनाकर,
मस्ती में मस्त हो गए मस्ताना बनाकर।

रहना है मेरे दिल में तुझे ओ मेरे सनम,
रखा है मैंने दिल को आशियाना बनाकर।।

-- गोपाल के




Wednesday, November 27, 2019

हाल ए दिल लिखते रहेंगे

लिखते रहेंगे हाल-ए-दिल,
हो तन्हा दिल या महफ़िल।

ग़म को पिरोकर स्याही में,
शायर बन जाऊं क़ाबिल।।

--गोपाल के.


इंतज़ार की हद


हद हो चली है अब इंतज़ार की,
इन्तेहा है यारों ये मेरे प्यार की।

बेसब्र दिल ये तड़प सह नहीं सकता,
तूने यही ख़ता मगर बार बार की।।

--गोपाल के.




कश्मकश


ज़िन्दगी है कश्मकश सी
और सफर है कश्मकश,
हिम्मत है अपनी मंज़िल
और भँवर है कश्मकश।

रख हौसला चलाचल
तू जीवन की राह में,
बस उम्मीद थामें रखना
अगर है कशमकश ।।

-गोपाल के



Monday, November 25, 2019

कुछ अनकही बातें

मिलकर भी पूरी ना लगी तुमसे मुलाकातें,
याद में तेरे बीते दिन पर गुजरे ना ये रातें।
चाहते तो थे करना बयां तुमसे हाल ए दिल,
पर दिल में दबी रह गई कुछ अनकही बातें ।।

-- गोपाल के 

Sunday, November 24, 2019

राह ए उल्फ़त

फ़क़त तेरी नज़र ए करम की चाह में,
कबसे खड़े हैं हम उल्फ़त की राह में।

सुन सकेगा वो कैसे किसी की बात,
जिसे दर्द ही न दिखे किसी की आह में।।

--गोपाल के.

Saturday, November 23, 2019

बचपन फिर ना मिला

बच्चों सा सच्चा मन ना मिला,
सन्तोष से बढ़कर धन ना मिला ।
बेफ़िक्र और आज़ादी से भरी,
मुझे फिर से वो बचपन ना मिला ।।

--गोपाल के


Friday, November 22, 2019

कैसे कहूँ दिल की बात पिया



कैसे कहूँ दिल की बात पिया,
आँखों में कटी है रात पिया ।
धड़कन दिल की बढ़ जाती है,
जब होती है मुलाकात पिया।।

कैसे कहूँ के तुमसे हैं जुड़े,
मेरे दिल के हर जज़्बात पिया।
आँखों मे मेरी तुम पढ़ लो,
दिल की मेरी ये बात पिया।।

-- गोपाल के


Tuesday, November 19, 2019

तेरी याद

तेरी यादों के पतझड़ में
कई लम्हों की पत्तियाँ
टूट गयी दिल की शाखों से..

तुम ना आये ना पैगाम तेरा
बरसती रही बूँद बूँद शब भर
तड़प इन्तज़ार की आँखों से..


गोपाल के.

YE MAI HU-- GOPAL

LOVE MATCH


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