मेरी छोटी सी गलती पर,
तुम अक्सर रूठ जाती हो,
क्या तुमको है पता मुझको
यूँ कितना तुम सताती हो।
मेरे दिल मे रहो तुम
जान बनकर
दूर ना बैठो,
तुम्हारे हर सितम मन्जूर
दिल को क्यों रुलाती हो।।
--गोपाल के.
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Saturday, December 7, 2019
Wednesday, November 27, 2019
इंतज़ार की हद
हद हो चली है अब इंतज़ार की,
इन्तेहा है यारों ये मेरे प्यार की।
बेसब्र दिल ये तड़प सह नहीं सकता,
तूने यही ख़ता मगर बार बार की।।
--गोपाल के.
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