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Monday, May 7, 2012

तेरी ममता को सलाम





















माँ तू क्या है?
किस मिटटी की बनी है तू?
क्यूँ इतना भार सह लेती है?
क्यूँ हँस कर
हर गम सह लेती है?
हमे सुलाने की खातिर तू,
क्यूँ जगती है रात-रात भर?
क्यूँ खुद भूखी रह कर भी
हम बच्चों का भरती पेट?
क्यूँ अपने अरमानों का दम घोंटकर
बच्चों की ख्वाहिश करती पूरी?
क्यूँ सहती है तू इतना कुछ?
क्या क्रोध नहीं आता है तुझको?
लाख ग़मों से घिरी हो फिर भी
बच्चों का हँसना भाता है तुझको..
किस मिटटी से बनी है माँ तू?
इतना बड़ा दिया किसने दिल?
क्यूँ राम भी चाहें तेरा पालना
क्यूँ कान्हा तेरी कोख में आये?
क्या है तेरे इस आँचल में?
जो हर भय को दूर भगाए?
तेरी ममता की जग कायल
आंसू तेरे बने गंगाजल
तू अमृत के खान के जैसी
तू धड़कन या जान के जैसी
तुने दिया मुझे इक नाम
तेरी ममता को सलाम
तेरी ममता को सलाम

--गोपाल के.






Thursday, September 11, 2008

WAJAH

AGAR JUDA-JUDA HUM SABKA NAAM NA HOTA,
TO LADAAYI ZAGDE KA YAHA KOI KAAM NA HOTA

KUCHH TO WAJAH HAI KABHI GAUR KARNA YARO,
WARNA DIWALI ME ALI AUR
RAMJAAN ME RAM NA HOTA

--GOPAL K.

Monday, July 28, 2008

NAAM


NAAM AGAR PUCHHE JO KOI MERA,
TUM APNA NAAM BATA DENA,
BAS PYAR HI PYAR MAI KARTA HU,
YE MERA KAAM BATA DENA॥
HAI KISKA HAATH MERE SIR PE TO,
ALLAH YA RAAM BATA DENA,
MILKAR RAHO AAPAS ME SABHI,
YE MERA PAIGAAM BATA DENA॥
--GOPAL

YE MAI HU-- GOPAL

LOVE MATCH


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