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Tuesday, November 19, 2019
तेरी याद
तेरी यादों के पतझड़ में
कई लम्हों की पत्तियाँ
टूट गयी दिल की शाखों से..
तुम ना आये ना पैगाम तेरा
बरसती रही बूँद बूँद शब भर
तड़प इन्तज़ार की आँखों से..
गोपाल के.
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