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Tuesday, July 29, 2008

KISSE


HUME NA YAAD DILAO UNKI BEWAFAYI KE KISSE,
HUMNE BAHUT MUSHKIL SE UNKO BHULAYA HAI..!

ZARA AAHISTA BOLO TUM CHILLA KYOn RAHE HO?
ABHI-ABHI TO HUMNE APNE DARD KO SULAYA HAI!!

ROOTH GAYI THI SHAYAD HUMSE, MILNE NAHI AATI KABHI,
HUMNE FIR SE KHUSHIYOn KO, APNE GHAR PE BULAYA HAI!

EK KO MANAATA HU TO, DUSRAA ROOTH JATA HAI FIR SE,
SAB MAAN GAYE TO WAQT KO DEKHO, KAISE MUH FULAYA HAI!!

--GOPAL K.

Wednesday, July 2, 2008

दर्द

दर्द तब तक ही दर्द देता है..
जब तक हम उसे
पराया समझते हैं..
जब उसे सहते सहते..
उसके आदी हो जाते हैं
तो वही दर्द हमे
प्यारा भी लगने लगता है..
क्यूंकि..
वो दर्द बेवफा तो नहीं होता..
खुशियों की तरह..
जो जरा जरा सी बात पर
रूठ जाती है..
चली जाती है
तन्हा छोड़ कर..
बिलकुल तन्हा..
जहां अपनी परछाई भी
साथ न दे..
ऐसे अन्धकार में
धकेल कर..
कब तक?
आखिर कब तक भागूं ?
इन खुशियों के पीछे..??
जो हमे देख कर भी रहती है..
अपनी आँखें मीचे..
इन खुशियों से अच्छी तो
ये दर्द हैं..
जो बिना बुलाये आ जाती हैं..
वो भी
अपने पुरे परिवार के साथ..
निभाने को साथ
दिन हो या रात..
जो कभी बेवफाई तो नहीं करती
दिल में आबाद रहती है..
शायद जिंदगी भी यही कहती है..
कि सुख दुःख तो
जीवन का अंग है..
सबके अपने-अपने
जीने का ढंग है..
कहीं अँधेरा कहीं उजाला
यही तो
जिंदगी का रंग है॥!!


--गोपाल के.

YE MAI HU-- GOPAL

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