Thursday, December 12, 2019
चाँदनी
भोर तक है जागती चाँद के संग चाँदनी,
अपने बदन पे ओढ़के चाँद का रंग चाँदनी।
रात भर चलती रही, संग रात भर जलती रही,
स्याह काली रात से करती रही जंग चाँदनी।।
--गोपाल के.
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