अपने हर राज हमसे छुपाया ना करो,
पर हर बात सभी को बताया ना करो..
मै पहले से ही परेशां हूँ बहुत सच में,
तुम मुझे अब और सताया ना करो..
दिल पर लगते हैं तो ये धुलते नहीं,
दिल पे कोई दाग लगाया ना करो..
ये आग लगती तो है पर बुझती नहीं,
तुम इश्क की आग लगाया ना करो..
अरमान भी सो चले ख्वाबों की तरह,
तुम इन्हें फिर से जगाया ना करो..
वादे करते हो तोड़ देते हो मगर,
मुझसे झूठी कसमे खाया ना करो.
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याद करना भी सीख लो मुझसे,
या तो फिर याद ही आया ना करो..
--गोपाल के.
3 comments:
अपने हर राज हमसे छुपाया ना करो,
पर हर बात सभी को बताया ना करो..
khoobsurat andaaj! gazal to hamesha gungunahat me tabdeel ho jati hai
SHUKRIYA DI
याद करना भी सीख लो मुझसे,
या तो फिर याद ही आया ना करो..
खूब लिखने लगे हो डियर ...
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