हर गम सहकर जो हम मुस्कुराते रहे ।वो और भी जुल्म हम पर ढाते रहे ।।उनके लिए तो मै कुछ भी न था ,हम ही एकतरफा रिश्ता निभाते रहे ॥घर पर मेरे कोई आता न था ,बस गम ही थे जो कि आते रहे ॥भूल जाता हू मै भूल जाना उसे ,याद आया वही जो भुलाते रहे॥एक मेरे साथ कुछ उम्मीद जागती रही ,अपने गम और तन्हाई को हम सुलाते रहे ॥--गोपाल के.
AGAR JUDA-JUDA HUM SABKA NAAM NA HOTA,TO LADAAYI ZAGDE KA YAHA KOI KAAM NA HOTAKUCHH TO WAJAH HAI KABHI GAUR KARNA YARO,WARNA DIWALI ME ALI AUR RAMJAAN ME RAM NA HOTA--GOPAL K.
दर्द में मुस्कुराना मत भूलो,अपना गुज़रा ज़माना मत भूलो।बना सको तो बना लो रिश्ते नए,दोस्त कोई पुराना मत भूलो।कर दो नाराज गर किसी को कभी,फ़िर तुम उसको मनाना मत भूलो।घूमते फिरते रहो तुम बाहर,खाना पर घर का खाना मत भूलो।भूल जाओ पुरानी बातों को,दिल से दिल का लगाना मत भूलो।प्यार से बच्चे सच कह देते हैं,बनाते थे तुम भी बहाना मत भूलो। तुम उठा चुके हो गम बिछड़ने का, बिछडों को तुम मिलाना मत भूलो।गोपाल के.