Friday, December 13, 2019

वक़्त का वक़्त




वक़्त मुझसे पूछता है
"कौन है तू?"
दे मेरा उत्तर
भला क्यों मौन है तू?

मुँह से निकला
"वक़्त का
मारा हुआ हूँ,
जीता सबसे
खुदसे मगर
हारा हुआ हूँ।"

वक़्त बोला मुझसे -
"मत हो तू उदास,
आऊँगा वक़्त होने पर
मैं तेरे भी पास।।"


--गोपाल के.




तेरा ख़त



एहसास से भरा, तेरे जज़्बात से भरा था,
वो ख़त मैंने जाने कितनी दफा पढ़ा था।

उस ख़त में आज भी ख़ुशबू तेरी आती है,
सूखा सा एक ग़ुलाब भी संग जो जड़ा था।।


--गोपाल के.



यादें




ये तन्हाई
ये बेचैनी
और साथ देने को
बस पुरानी यादें
दिल पर बस चलता है
और न ही दिमाग पर
बस चलता है तो यादो पर
जो तडपती हैं आकर..
मै तो नहीं बुलाता
इन यादों को अपने पास
फिर क्यूँ आ जाती हैं ये
देख कर मुझे उदास?
शायद ये तनहा देख कर मुझे
साथ देने आ जाती हैं
हाँ, ये बेवफा नहीं हैं
तुम्हारी तरह
झूठी नहीं हैं
तुम्हारे वादों की तरह
टूटती नहीं हैं
तुम्हारी कसमो की तरह
सिर्फ इन्हें थोडा सा
वक़्त ही तो चाहिए
नहीं चाहती धन दौलत
और न तन्हाई
ये तो कही भी आ सकती हैं
कहीं भी जा सकती हैं
बिना किसी रोक टोक के
और बिना किसी के इज़ाज़त के..
क्यूंकि ये किसी को तनहा नहीं देख सकती..
यादें हैं न..!
इन्हें किसी ने बेवफाई नहीं सिखाई
तभी ये बावफा हैं
और हमसफ़र हैं
हमारी जिंदगी की
ताउम्र .. ताजिंदगी..!!

–गोपाल के


थोड़ा और वक़्त



जो थोड़ा और होता वक़्त गर मेरी ज़िन्दगानी में,
तो मैं लिखता नया अंजाम अपनी इस कहानी में।

मेरे अश्कों में ऐसा ताब है कि सब जला डाले,
हवा होता समुंदर भी जो लगती आग पानी में।।


--गोपाल के.



Thursday, December 12, 2019

बारिश में यादें

आज की बारिश

तुम्हारी 

याद लायी है,

और मैं

भीग रहा हूँ

तेरी यादों में

अभी तक..

ना मानो

तो आकर

खुद ही

देख लेना।।


--गोपाल के.


आभार दे देना



वाणी की कटुता को कभी ना धार तुम देना,
टूटते रिश्तों को फिर से नया आधार तुम देना।

जो रिश्ता ना निभे उसको नया आकार दे देना,
जो थामे हाथ गिरते का उसे आभार तुम देना।।


--गोपाल के.



प्यार का इज़हार



दिल से पूछ ना पाए हम और प्यार कर बैठे,
बस नज़रें उठी, नज़रें मिली, इज़हार कर बैठे।

मासूमियत और सादगी कुछ इस कदर भायी,
बातों ही बातों में तुमसे सनम इक़रार कर बैठे।।

--गोपाल के.


पलट कर देख लेना तेरा

वो तेरा पीछे पलट कर देख लेना
यूँ लगता है कि जैसे पुकारा हो,

अभी अभी तो हुई है मुलाकात
मगर लगता है फिर दोबारा हो।

देख कर फिर देख लेना है क़ातिल
दिल को जैसे तेरी नज़र ने मारा हो।।


--गोपाल के.



चाँदनी



भोर तक है जागती चाँद के संग चाँदनी,
अपने बदन पे ओढ़के चाँद का रंग चाँदनी।

रात भर चलती रही, संग रात भर जलती रही,
स्याह काली रात से करती रही जंग चाँदनी।।




--गोपाल के.






ख़ुद काबिल नहीं रहा


जो चाहता था तुझको वो दिल नहीं रहा,
सबकुछ मिला मगर वो हासिल नहीं रहा।

तू ये मत समझ के तेरा दोष है कोई,
मैं ख़ुद ही तेरे प्यार के क़ाबिल नहीं रहा।

--गोपाल के.



Tuesday, December 10, 2019

ख़त वाला ज़माना


होकर जवान बेटे घर से कमाने चले गए,
गाँव छोड़ा और शहर में गँवाने चले गए।

आँखों में आस अब भी शायद करे ख़बर,
वो ख़त वाले प्यार के ज़माने चले गए।।

--गोपाल के.


कहीं दूर चलो

माना तुम हो आज बहुत मजबूर चलो,
होगा वक़्त तुम्हारा कल तो जरूर चलो।

फिर चलना वहाँ ना हो कोई और जहाँ,
दुनिया से कहीं दूर बहुत ही दूर चलो।।

--गोपाल के.




बोझल शाम

बोझल हुई है शाम
कोई रंग तो भरे,
कोई तो अपनी शाम
मेरे संग तो करे।

रह रह के दिल में
आता यही ख़याल,
मुझसे हुए जो तंग
वो मुझे तंग तो करे।।


--गोपाल के.






कभी कभी

उठती है नज़र तुम्हारी
मुझपर कभी कभी,
लाती हो नाम मेरा
लब पर कभी कभी।

गोया कि साथ में हूँ
एहसास ये हुआ,
आती हो मेरे ख़्वाब में
तुम नज़र कभी कभी।।

--गोपाल के.


Saturday, December 7, 2019

अक्सर तेरा रूठ जाना

मेरी छोटी सी गलती पर,
तुम अक्सर रूठ जाती हो,

क्या तुमको है पता मुझको
यूँ कितना तुम सताती हो।

मेरे दिल मे रहो तुम
जान बनकर
दूर ना बैठो,

तुम्हारे हर सितम मन्जूर
दिल को क्यों रुलाती हो।।


--गोपाल के.

Friday, December 6, 2019

कुछ तो कहो

कुछ तो कहो
यूँ खामोश क्यों हो
भला
बुरा
गुस्सा
या जो भी चाहो
कह डालो,
मैं
सुनना चाहता हूँ तुम्हे,
तुम्हारे नाराजगी भरी
कोई बात ही सही,
वो गलती
जो मैंने की ही नहीं,
चाहे जो भी इल्ज़ाम दे दो,
पर खामोशी तोड़कर
मेरे बेचैन दिल को
आराम दे दो,
चुप ना रहो।
कुछ तो कहो।।


--गोपाल के.

कहो तो सही

दिल से ना जाओ दिल में रहो तो सही।
दिल में जो भी गिले हैं कहो तो सही।।


-- गोपाल के.



इश्क़ का दरिया



तेरे सिवा कोई दूसरा सहारा ही नहीं है,
मैं हारा हूँ मेरा दिल मगर हारा ही नहीं है।

डूबने पर इश्क़ में हमको ये पता चला,
दरिया ए इश्क़ में कोई किनारा ही नहीं है।।


-- गोपाल के.



Thursday, December 5, 2019

शाम आयी है..

🌼🌸🌹🌼🌸🌹🌼🌸🌹

शाम आयी है
यादों के कारवां लेकर..
🤔
शब गुज़र जाएगी
लम्हा लम्हा...
🌙
--गोपाल के.

🌼🌸🌹🌼🌸🌹🌼🌸🌹

वेदनाएं मर गयी

ये ज़ुल्म कैसा आज की तारीख़ कर गयी,
जो दर्द की भी आँख आँसुओं से भर गयी।

देखकर पीड़ा अगर पिघले न दिल तो समझ,
वेदनाएं सब मर गयी संवेदना भी मर गयी।।

-- गोपाल के.


Tuesday, December 3, 2019

संगत का असर

भूख मिटे कैसे जिसे पंगत ना मिली हो,
फूल है बेनूर अगर उसे रंगत ना मिली हो।

बन जाता वो भी आपकी सोहबत में साहब,
सुधरे वो कैसे जिसे सही संगत ना मिली हो।।

--गोपाल के.

Monday, December 2, 2019

रात ढलने को आई

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रात फिर ढलने को आई है,
ग़म की बदली सी छाई है।
♥️
ना तू साथ में, ना हैं यादें तेरी,
ना ही साथ अब तेरी परछाई है।।
🌹

--गोपाल के.

🌹🌼🌸🌹🌼🌸🌹🌼🌸

बज़्म अंताक्षरी


एक दिल
और ग़म हज़ार,
इसी को कहते हैं
दुनिया में प्यार।।

--गोपाल के

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रहेगा इश्क सलामत तब तक
आ न जाये कयामत जब तक

--गोपाल के

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कब तलक शम्मा ए महफ़िल जलेगी यारों,
दिल भी जलता है किसी शमां के लिए..

--गोपाल के

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निभाना खूब आता है
हमें उल्फ़त की रस्मों को,

कभी आने का वादा वक़्त पर
तुम भी निभा लेते।।

--गोपाल के

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हट जो जाती नज़र अगर तुमसे,
होश में हम भी आ गए होते।।

--गोपाल के

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एक तुम ही नहीं बिगड़े
बिगड़ना हमको भी आता है,

चलो तुम भी सुधर जाओ
सुधरना हमको भी आता है।

--गोपाल के

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है इरादा जो साथ रखने का,
कर लो वादा तो याद रखने का।।

--गोपाल के


🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

दुनिया बदल जाये तो अच्छा हो


अगर ये दुनिया बदल जाए तो अच्छा हो,
ज़िन्दगी यूँ ही ना ढल जाए तो अच्छा हो।

हमारे बिन भी बहल जाते हो तुम जैसे,
हमारा दिल भी बहल जाए तो अच्छा हो ।।

--गोपाल के.


Sunday, December 1, 2019

वफ़ा के बदले वफ़ा



वफ़ा के बदले वफ़ा नहीं मिलती,
मर्ज़ ऐसा है कि दवा नहीं मिलती।

मैं भी गिर जाता ज़िन्दगी में अगर,
वक़्त पर तेरी दुआ नहीं मिलती ।।

--गोपाल के.




सिले हुए लब

लब जो सिल लिया अगर मैंने, कैसे सह पाओगे तुम वो सन्नाटा,
मेरी हर चीख तुमसे ये पूछेगी, पेड़ से डाल को तुमने क्यूँ काटा।

मौन कब तक रहोगे तुम बोलो, अपने लब को तो अब तुम्ही खोलो,
दिल नहीं सह सकेगा ज़ुल्म कोई, दिल में उठता है ज्वार और भाटा।।

--गोपाल के.



Friday, November 29, 2019

दोषी कौन??

तोड़ेगा खामोशी कौन,
मैं भी मौन तू भी मौन।

दिल से पूछूँ मैं अपने,
हममें तुममें दोषी कौन??

--गोपाल के.



प्रियंका रेड्डी काण्ड पर समर्पित

कहाँ हो हनुमान तुमने लंका जलाई थी,
विश्वास बनके सीता की शंका जलाई थी।

महफूज़ कैसे रहें अब वतन में लड़कियां,
कल ही कुछ दरिंदों ने प्रियंका जलाई थी।।

--गोपाल के.


आँसू

बात बात में ऐसे आंसू ना बहाया कीजिए,
यादों में मेरे भी आया और जाया कीजिए।

याद करो वो लम्हे जिस पल थे हम मिले,
जो ग़म दे जाएं वो बातें भुलाया कीजिए।।

-- गोपाल के.



Thursday, November 28, 2019

दीवाना बनाकर

जाते कहाँ हो तुम मुझे दीवाना बनाकर,
मस्ती में मस्त हो गए मस्ताना बनाकर।

रहना है मेरे दिल में तुझे ओ मेरे सनम,
रखा है मैंने दिल को आशियाना बनाकर।।

-- गोपाल के




Wednesday, November 27, 2019

हाल ए दिल लिखते रहेंगे

लिखते रहेंगे हाल-ए-दिल,
हो तन्हा दिल या महफ़िल।

ग़म को पिरोकर स्याही में,
शायर बन जाऊं क़ाबिल।।

--गोपाल के.


इंतज़ार की हद


हद हो चली है अब इंतज़ार की,
इन्तेहा है यारों ये मेरे प्यार की।

बेसब्र दिल ये तड़प सह नहीं सकता,
तूने यही ख़ता मगर बार बार की।।

--गोपाल के.




कश्मकश


ज़िन्दगी है कश्मकश सी
और सफर है कश्मकश,
हिम्मत है अपनी मंज़िल
और भँवर है कश्मकश।

रख हौसला चलाचल
तू जीवन की राह में,
बस उम्मीद थामें रखना
अगर है कशमकश ।।

-गोपाल के



Monday, November 25, 2019

कुछ अनकही बातें

मिलकर भी पूरी ना लगी तुमसे मुलाकातें,
याद में तेरे बीते दिन पर गुजरे ना ये रातें।
चाहते तो थे करना बयां तुमसे हाल ए दिल,
पर दिल में दबी रह गई कुछ अनकही बातें ।।

-- गोपाल के 

Sunday, November 24, 2019

राह ए उल्फ़त

फ़क़त तेरी नज़र ए करम की चाह में,
कबसे खड़े हैं हम उल्फ़त की राह में।

सुन सकेगा वो कैसे किसी की बात,
जिसे दर्द ही न दिखे किसी की आह में।।

--गोपाल के.

Saturday, November 23, 2019

बचपन फिर ना मिला

बच्चों सा सच्चा मन ना मिला,
सन्तोष से बढ़कर धन ना मिला ।
बेफ़िक्र और आज़ादी से भरी,
मुझे फिर से वो बचपन ना मिला ।।

--गोपाल के


Friday, November 22, 2019

कैसे कहूँ दिल की बात पिया



कैसे कहूँ दिल की बात पिया,
आँखों में कटी है रात पिया ।
धड़कन दिल की बढ़ जाती है,
जब होती है मुलाकात पिया।।

कैसे कहूँ के तुमसे हैं जुड़े,
मेरे दिल के हर जज़्बात पिया।
आँखों मे मेरी तुम पढ़ लो,
दिल की मेरी ये बात पिया।।

-- गोपाल के


Tuesday, November 19, 2019

तेरी याद

तेरी यादों के पतझड़ में
कई लम्हों की पत्तियाँ
टूट गयी दिल की शाखों से..

तुम ना आये ना पैगाम तेरा
बरसती रही बूँद बूँद शब भर
तड़प इन्तज़ार की आँखों से..


गोपाल के.

YE MAI HU-- GOPAL

LOVE MATCH


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