जाते कहाँ हो तुम मुझे दीवाना बनाकर,
मस्ती में मस्त हो गए मस्ताना बनाकर।
रहना है मेरे दिल में तुझे ओ मेरे सनम,
रखा है मैंने दिल को आशियाना बनाकर।।
-- गोपाल के
मस्ती में मस्त हो गए मस्ताना बनाकर।
रहना है मेरे दिल में तुझे ओ मेरे सनम,
रखा है मैंने दिल को आशियाना बनाकर।।
-- गोपाल के
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