यूँ खामोश क्यों हो
भला
बुरा
गुस्सा
या जो भी चाहो
कह डालो,
मैं
सुनना चाहता हूँ तुम्हे,
तुम्हारे नाराजगी भरी
कोई बात ही सही,
वो गलती
जो मैंने की ही नहीं,
चाहे जो भी इल्ज़ाम दे दो,
पर खामोशी तोड़कर
मेरे बेचैन दिल को
आराम दे दो,
चुप ना रहो।
कुछ तो कहो।।
--गोपाल के.
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