Thursday, December 5, 2019
वेदनाएं मर गयी
ये ज़ुल्म कैसा आज की तारीख़ कर गयी,
जो दर्द की भी आँख आँसुओं से भर गयी।
देखकर पीड़ा अगर पिघले न दिल तो समझ,
वेदनाएं सब मर गयी संवेदना भी मर गयी।।
-- गोपाल के.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
YE MAI HU-- GOPAL
LOVE MATCH
No comments:
Post a Comment