बोझल हुई है शाम
कोई रंग तो भरे,
कोई तो अपनी शाम
मेरे संग तो करे।
रह रह के दिल में
आता यही ख़याल,
मुझसे हुए जो तंग
वो मुझे तंग तो करे।।
--गोपाल के.
कोई रंग तो भरे,
कोई तो अपनी शाम
मेरे संग तो करे।
रह रह के दिल में
आता यही ख़याल,
मुझसे हुए जो तंग
वो मुझे तंग तो करे।।
--गोपाल के.
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